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ओ हमसफर



ओ हमसफर
मेरे हमसफर
 मेरे हमसफर
 मेरे हमसफर 
मेरे हमसफर

(१)
तुमसे कहनी है बात, एक छोटी सी है आस।
 तुम देना मेरा साथ, रखना मुझ पर विश्वास।।
 तेरे साथ में जीने का सपना ये सुहाना है।
जीवन के सारे पल तेरे साथ बिताना है।।
 तुझ में बस जाने का मेरा इरादा है।
 मैं क्या करूं यार, प्यार जो ज्यादा है।।
मेरी सांसो की धड़कन, अब तू ही है दिलबर।
तेरी खातिर अपनी जान, लुटा दूं हंसकर।।

ओ हमसफर
मेरे हमसफर 
मेरे हमसफर
 मेरे हमसफर
 मेरे हमसफर

(२)
किसे किसपे गुरूर है, किसे किसका सुरूर है।
मुझे तुझ पे गुरूर है, मुझे तेरा सुरूर है।।
अब तू ही है सागर, तू ही किनारा है।
मेरे जीने का जाना, तू ही सहारा है।।
अब तू ही है दुनिया, तू ही खजाना है।
मेरे इश्क की नैया, तुझे पार लगाना है।।
लाए मेरी दुआएं रंग, तू बन जाए तू हमसफर।
फिर मिले कैसा भी जहर, मैं पी लूंगी हंसकर।।

ओ हमसफर
 मेरे हमसफर
 मेरे हमसफर
 मेरे हमसफर 
मेरे हमसफर

तेरे एक इशारे पे, मेरे अपनों को छोड़ दूं।
रस्मो रिवाज तोड़ दूं, धर्म समाज छोड़ दूं।।
 तेरे ख्वाबों में अक्सर में खो जाती हूं।
 तुझे देखूं ना जब तक चैन न पाती हूं ।।
अब तू ही है मेरी जान, तू ही जमाना है।
 एक तू ही मेरा, सारा जहां बेगाना है ।।
मेरे रग रग में बहती है, तेरी चाहत की लहर।
तुझे बांध लूं बंधन में, जिसके लिए हूं मैं बेसबर।।

ओ हमसफर
 मेरे हमसफर
 मेरे हमसफर
 मेरे हमसफर 
मेरे हमसफर

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17 Comments

Suryansh

08-Sep-2022 10:59 PM

उत्कृष्ट

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बेहतरीन सृजन और शानदार अभिव्यक्ति

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Seema Priyadarshini sahay

26-Jul-2022 09:10 PM

बेहतरीन रचना

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